jangal ki kahani, story of wild animal
एक समय की बात है, एक जंगल में वन्य जानवर खुशहाली से रहते थे। इस जंगल में अनेक प्रकार के जानवर जैसे शेर, हाथी, बंदर, उल्लू, और और भी ढेर सारे निवास करते थे। इन जानवरों के बीच शांति और सौहार्द की वातावरण थी। हर जानवर अपने अपने क्षेत्र में खुश रहता था और उन्हें अपनी जीविकाओं की व्यवस्था के लिए किसी की चिंता नहीं थी। जंगल के बीच एक पुराना जड़ी-बूटी वृक्ष खड़ा था, जिसे सभी जानवर आपस में "वृक्ष बाबा" के नाम से पुकारते थे।
वृक्ष बाबा वन्य जीवों के मार्गदर्शक और समस्या
समाधानकारी के रूप में मान्यता प्राप्त था। उनके पास हमेशा आने वाले जानवर अपनी
समस्याओं को सुनाते और उनसे सलाह मांगते। वृक्ष बाबा ध्यान देकर उन्हें उपाय बताते
और उनकी सहायता करते थे। उनकी सर्वश्रेष्ठ बात यह थी कि वे सभी जानवरों को एक साथ
मिलाकर समाधान ढूंढ़ने में मदद करते।
एक दिन, जंगल में अचानक एक
बड़ी मुसीबत आ गई। जंगल के तालाब में पानी कम हो गया था और सभी जानवर प्यासे हो
रहे थे। वृक्ष बाबा ने तुरंत एक सभा बुलाई और सभी जानवरों को जमा किया।
वृक्ष बाबा ने अपनी गहरी आवाज़ में कहा, "प्यारे जानवरों, हमारे तालाब में पानी कम हो गया है। हमें
सभी मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढ़ना होगा। क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो इस समस्या
के लिए एक रास्ता देख सके?"
शेर बोला, "हमें एक नदी
ढूंढ़नी चाहिए, जहां हमें पानी मिल सके।"
बंदर ने कहा, "हाँ, शेर सही कह रहा है। हमें विशाल जंगलों तक
आगे बढ़ना चाहिए, वहां हमें नदी मिल सकती है।"
उल्लू ने अपनी आंखों को घुमाते हुए कहा, "हमें ऊची ऊची वृक्षों की ओर जाना चाहिए, वहां से हमें रास्ता दिखाई दे सकता
है।"
ऐसे ही सभी जानवर अपने-अपने विचार व्यक्त करने लगे और वे सब
मिलकर समाधान का रास्ता खोजने के लिए मदद करने के लिए तत्पर हो गए।
क्या वृक्ष बाबा और जंगल के जानवरों को इस संकट से बचाने का
रास्ता मिलेगा? क्या उन्हें प्यास से निजात मिलेगी और वे
खुशहाली से अपनी जीविकाओं को जारी रख पाएंगे? जानने के लिए इस कहानी का आगे का हिस्सा पढ़ें।
वृक्ष बाबा ने सभी जानवरों की बातें सुनी और ध्यान से सोचा।
फिर उन्होंने आगे बढ़ने की सलाह दी,
"हमें सबसे पहले
ऊची ऊची वृक्षों की ओर चलना चाहिए। वहां से हमें एक अच्छा दृष्टिकोण मिलेगा और
हमें रास्ता दिखाई दे सकता है।"
सभी जानवर वृक्षों की ओर बढ़ने लगे। उल्लू अपनी चाल में
विश्वास रखते हुए उन्हें नेतृत्व करने लगा,
जबकि शेर और हाथी
उनके बगीचे की सुरक्षा में सुनिश्चित कर रहे थे। बंदर छलांग लगाते रहे और साथी
जानवरों को दिशा बताते रहे। सभी मिलकर संगठित रूप से आगे बढ़ रहे थे।
जब उन्होंने ऊची ऊची वृक्षों की ओर पहुंचा, उन्हें एक खुला आकाश दिखाई दिया। वृक्ष बाबा ने आकाश की ओर इशारा करते हुए कहा, "देखो, यहां से हमें रास्ता दिखाई दे रहा है।
हमें आगे बढ़ना होगा और नदी ढूंढ़नी होगी।"
सभी जानवर आकाश की ओर उड़ने लगे। वे एक समूह बनाकर आगे बढ़
रहे थे। उन्होंने वन के घने जंगलों को पार करते हुए नदी की ओर पहुंचा।
नदी के किनारे पहुंचकर,
जानवरों ने बड़ी
खुशी के साथ पानी पीना शुरू किया। प्यास बुझाने के साथ ही उनकी आँखों में आभार और
खुशी की किरणें दिखाई दी। उन्होंने एक दूसरे को धन्यवाद दिया क्योंकि सभी जानवर
एकजुट होकर अपनी समस्या का समाधान ढूंढ़ने में सफल रहे थे।
जंगल में सुख और समृद्धि की वातावरण फिर से स्थापित हो गई।
सभी जानवर धन्यवाद देने के लिए वृक्ष बाबा के पास जमा हुए। वृक्ष बाबा ने सभी को
प्रशंसा की और कहा, "इस समस्या को समाधान करने में हमारी टीम
ने एकजुटता, साझेदारी और समान्यता दिखाई है। हमें
अपनी संगठन क्षमता पर गर्व होना चाहिए।"
Nice
ReplyDeletePlease Post Motivational Story
ReplyDeletePlease Post Motivational Story Like We Inspired
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