Dipawali ki nasta Hindi story | Hindi Kahaniyan
हमारे
देश में इतनी तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं. जब पूरे परिवार और समाज को एक साथ
लाने के लिए बहुत ज़रूरी है. ऐसा ही एक त्यौहार है दीवाली का. और जैसे जैसे दीवाली
का दिन नज़दीक आ रहा था. लड्डू और पिंकी के excitement भी बढ़ती ही जा रही थी. अब तो दीवाली में सिर्फ आठ तो दिन ही रह गए
हैं. हम दीवाली की shopping
करने कब जाएंगे? काम वामी मुझे भी साथ में जाना है
दीवाली की shopping करने. कल तुम्हारे papa की छुट्टी है office में, तो कल ही हम सब market चलेंगे, ठीक है? ये सुनकर लड्डू और पिंकी काफी खुश हो जाते हैं. शाम में जब papa office से घर आते हैं, तो लड्डू और पिंकी ने उनसे भी दीवाली
की shopping को लेकर disc question की. Dinner table पर गुड्डू कहता है. Papa मैंने तो कुछ नए bulbs देखे हैं जिनकी light का color change होता रहता है मैंने इस बार दीवाली में वैसे ही bulk लेने का plan बनाया है. हाँ बेटा, हम कल ही market से दीवाली की सारी चीज़ें ले आऐंगे. Mummy और पिंकी ये सुनकर मुस्कराते हैं. अगले
दिन सुबह सुबह वही, लड्डू और पिंकी market जाने के लिए तैयार हो जाते हैं. उनकी excitement देखकर papa और mummy को भी मज़ा आ रहा था. Breakfast के बाद papa
ने garage से car निकाली. और सभी car में बैठकर दीवाली की shopping करने market की ओर निकल पड़े. दीवाली अब केवल एक हफ्ते दूर थी. इसीलिए, पूरे बाज़ार में काफी चहल पहल थी. हर
कोई अपने घर को रौशनी से सजाने के लिए और त्यौहार कि अन्य कई चीज़ों को खरीदने के
लिए market आया हुआ था. सबसे पहले हम दिए और lighting की सारी चीज़ें ले लेते हैं. Papa ने एक दुकान की तरफ इशारा करते हुए कहा, देखो ये मिट्टी के दिए दीवाली के लिए
शुभ होते हैं और पूजा के लिए तो ये traditional दिए ही अच्छे लगते हैं. हां पहले हम थोड़े से यह मिट्टी के दिए ले
लेते हैं उसके बाद लड्डू के पसंद की electric bugs वाली ले लेंगे और पूरे घर को उसी से
सजाएंगे और रंगोली का colours
अरे वो भी ले लेंगे चलो पहले ये दिये
ले लेते हैं papa mummy गतुआर सिंह की एक छोटे से shop पर आ जाते हैं जहां मिट्टी के दिए बेचे
जा रहे थे वो दुकाने काफी बुज़ुर्ग आदमी की थी जिन्होंने धोती कुर्ता पहना हुआ था.
यह बाबूजी हमारे पास हर size
के मिट्टी के दिए हैं यह देखिए papa और mummy दिए select करने लगे गांव में हम खुद यह दिए बनाते
हैं लेकिन आजकल बिजली के ball
वाली लड़कियों का fashion है इसीलिए तब पहले की तरह कमाई नहीं हो
पाती. यह सुनकर गठूर चिंकी को काफी ज़्यादा बुरा लगता है. उन्हें उस दुकानदार के face पे काफी sadness नज़र आती है. ऐसे old age में इतनी मेहनत करने के बाद भी उस
बुज़ुर्ग की उदास शक्ल देखकर गुड्डू ने papa से
कहा. Papa मैं सोच रहा था कि बिजली वाली लड़कियों
की जगह हम यह मिट्टी के दिए ही ले लेते हैं. Papa और mummy मुस्कुराते हैं. फिर mummy कहती है. हम दोनों ही तरह की lights आधी आधी ले लेते हैं. घर की दहलीज, रंगोली, पूजा room और घर के हर कोने में हम ये मिट्टी के
दिए ही जलाएंगे और बाकी जगह पर वो bulb वाली
लड़ाइयां लटका देंगे. Papa
और mummy ने बहुत सारे मिट्टी के दिए खरीदे और इससे दुकानदार का चेहरा खेल
उठा. उस बुज़ुर्ग दुकानदार की खुशी देखकर, गुड्डू
और चिंकी भी खुश हो जाते हैं. इसके बाद सभी बिजली के bulb वाली लडिया खरीदने एक दूसरे shop में जाते हैं. गत तूने shopkeeper से वो वाली लडिया निकलवाई जिसके belves का color change होता रहता था. Shopkeeper ने वो वाली लड़ी को जला कर उनको दिखाया. अरे वाह, इसके bulb से पहले yellow
light निकल रही थी और
अब green light. हाँ, है ना कमाल chunky.
ये तो बहुत ही सुंदर है हम ऐसे ही
लड़ाइयां ले लेते हैं. Show
keeper ने
अच्छे से वह लड़ाइयां pack
कर दी और papa ने उनको वह payment कर दिया. अब क्या लेना है बच्चों? Ma'am गोली के colors? हां अब हम रंगोली के colors लेंगे. अब पूरी family एक departmental store में जाती है. जहा उन्होंने रंगोली के colours भी लिए और बहुत सारे अन्य घरेलू सामान
भी फिर papa ने सबसे पुछा तुम लोगों को नहीं लगता
हम एक सामान भूल गए हैं. कौन सा सामान papa? जिनकी और mummy
भी surprise हो कर papa की तरफ देखने लगी. अरेहे दीवाली के
पटाखे नहीं लेने हैं क्या?
लड्डू और पिंकी एक दूसरी की तरह देखते
हैं और फिर जिनकी कहती है नहीं बाबा हम पटाखे नहीं फोड़ेंगे. दीवाली तो रौशनी का
त्यौहार है और हमने already
इतने सारे दिए और बल वाली लढियां भी ले
ली है. लेकिन air
pollution और sound pollution करने वाले पटाखे हमें नहीं चाहिए. हो papa, पिंकी सही कह रही है. पटाखे जलाने से
ना सिर्फ हम environment में toxic धुआं छोड़ते हैं बल्कि ज़ोर के धमाकों से sound pollution भी होता है. कितने सारे बेचारे dogs, cats और birds भी इन धमाकों से डर जाते हैं. अरे वाह बच्चों तुम दोनों तो काफी
समझदार और responsible हो गए हो. Mummy और papa बहुत खुश भी होते हैं और proud भी feel करते हैं. Market से वापस आकर, लड्डू और पिंकी सारा सामान car से निकाल कर cupboards में अच्छे से रखा. उसके बाद drawing room में सोफे पर बैठकर वह discussion करते हैं अब आगे का क्या plan है mummy? अब हमें पूरे घर की सफाई करनी होगी. दीवाली सिर्फ एक week दूर है. आप एकदम निश्चिंत रहो mummy, कटु और न मिलकर अगले दो ही दिनों में
घर का कोना कोना साफ कर देंगे. Next 2, 3 days में.
अगर tour पिंकी ने mummy के instructions follow करते हुए पूरे घर की बहुत ही अच्छी
सफाई की. काफी पुरानी चीज़ें जिनका कोई काम नहीं था. उनको एक जगह जमा किया. फिर लड्डू
ने बाहर जा के कबाड़ी वाले को बुला लिया. और सारा फ़ालतू सामान उनको दे दिया और अब
इस घर को अच्छे से सजाने की बारी थी. दीवाली की सारी तैयारियों को ध्यान में रखते
हुए mummy ने कहा. लड्डू बेटा, मिट्टी के दिये तो हम दीवाली के दिन ही
सब जगह रखेंगे, लेकिन तुम अपने बिजली वाले bulb की लड़ाइयां हर जगह लटका दो. ठीक है mummy और मैं इस बार एक बड़ी सी रंगोली
बनाऊँगी एक नए design में. मैंने internet पे एक नई recipe देखी थी नारियल के लड्डू बनाने की. इस
बार दीवाली पर मैं वो लड्डू सबके लिए बनाना चाहता हूँ. लड्डू और पिंकी की excitement देखकर mummy को भी बहुत मज़ा आ रहा था. उन्होंने पहले लड्डू को लड्डू बनाने में
इस्तेमाल होने वाली चीज़ों की list बनाने
में help की. फिर लड्डू बाहर shop से वो सभी चीज़ें लाया. दूसरी पिंकी ने
computer पर एक बहुत ही interesting सा design तैयार किया. और फिर उसका print out ले आया. दीवाली से दो दिन पहले, लड्डू
kitchen में पूरे ध्यान से नारियल का लड्डू
तैयार करने लगता है. वो बार बार recipe की video देख कर सारे steps समझा और फिर उन्हें steps को follow करते हुए लड्डू बनाने की कोशिश करने लगा. Beach में mummy kitchen में आती है लड्डू की help करने. मैं कुछ help करूं तुम्हारी? नहीं नहीं mummy, मैं यह सब खुद ही करना चाहता हूं. तभी
तो सीखूँगा. Mummy फिर पिंकी के पास जाती है जो भी पूरे focus के साथ रंगोली को final touch दे रही थी मैं वो last वाली flower potters में रंग भर दूँ. ना ही mummy इस बार मैं अकेले ही पूरी रंगोली बनाना
चाहती हूँ. अंदर लड्डू के लड्डू तैयार हो गए थे और जब तक पिंकी अपनी रंगोली तैयार
करती तब तक पिंकी ने पूरे घर के corners में
मिट्टी के दिये रख दिये और colour change करने
वाली belves की लड़कियों से भी पूरे घर को सजा
दिया. शाम में जब papa वापस घर आते हैं तो दीवाली की तैयारी
में हुई रौशनी और सजावट देखकर खुश हो जाते हैं. अरे शाबाश, लड्डू और पिंकी घर को तुम दोनों ने तो
बहुत ही अच्छे से दीवाली के लिए सजाया है लड्डू और पिंकी मुस्कराते हैं वही mummy ने papa को रंगोली की तरफ इशारा किया और चिंकी ये रंगोली तो बहुत ही amazing है इतना difficult design तुमने अकेले ही बना दिया papa की तारीफ सुनकर जिनकी बहुत खुश होती
है. तब तक mummy एक plate में थोड़े लड्डू लेकर papa को
खाने देती है. ये special
लड्डू लड्डू ने बनाए हैं? Papa ने लड्डू खाया तो उनको बहुत ही tasty लगा. उन्होंने एक और लड्डू मुंह में
डाला और फिर बोला, अरे वाह, गुड्डू. हमें नहीं पता था कि तुम्हारे अंदर इतनी अच्छी cooking skills भी है. लड्डू और पिंकी दोनों papa की तारीफ सुनकर काफी खुश होते हैं. अब
हम पूरी तरह से तैयार हैं. दीवाली को जोश और उमंग के साथ celebrate करने के लिए. Papa mummy और जिनकी यह सुनकर मुस्कराते हैं. और
तालियाँ बजाते हैं. अगर आपको हमारी videos पसंद आ रहे हैं तो इन्हें like करें, comment करें
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