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बंदर की मित्रता | The Friendliness of the Monkey

 बंदर की मित्रता | The Friendliness of the Monkey

 

Introduction   जंगल में बसने वाले जानवरों में एक बंदर था, जो बहुत खुशनुमा और मित्रतापूर्ण था। यह उसकी कहानी है, जो दूसरे जानवरों के बीच दोस्ती और मदद के लिए अपनी खासियतों का प्रदर्शन करता है। यह कहानी दिखाती है कि बंदर जीवन में आनंद, मित्रता और उपयोगीता के लिए कैसे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक मनोहारी कहानी है जो हमें मित्रता की महत्वपूर्णता का अनुभव कराती है।

 बंदर की मित्रता-

बंदर नामक एक छोटा सा जानवर जंगल में रहता था। उसका व्यक्तित्व बहुत ही आनंदमय और प्रेमपूर्ण था। वह हमेशा हंसमुख रहता था और अपने आस-पास के जानवरों के साथ बहुत ही स्नेहपूर्ण बर्ताव करता था। उसकी दिलकश आदतें सबको आकर्षित करती थीं। वह अपने मित्रों को हंसाने और आनंद देने के लिए हमेशा खुशी-खुशी डांस करता था।

 

एक दिन, बंदर जंगल की एक बड़ी पेड़ पर घूम रहा था। वहां उसने एक हिरण को देखा, जो अपने अकेलेपन के कारण उदास और विचलित दिख रहा था। बंदर ने जल्दी से उसके पास जाकर पूछा, "हाय हिरण! आप क्यों इतने उदास लग रहे हो?"

 

हिरण ने दुखी मन से कहा, "मेरी कोई दोस्त नहीं है और मैं अकेला हुआ करता हूँ। मुझे एक संगीन मित्र की तलाश है जो मुझे समझ सके और मेरे साथ समय बिता सके।"

 

बंदर ने हंसते हुए कहा, "अच्छा, यह एक अच्छी बात है कि हम मिल गए हैं! मैं तुम्हारा संगी बनना चाहता हूँ। हम दोनों साथ में मस्ती कर सकते हैं और एक दूसरे का समर्थन कर सकते हैं।"

 

हिरण की आंखों में आँसू आ गए और वह बंदर को गले लगा लिया। वे दोस्त बन गए और उन्होंने अपनी मित्रता की शुरुआत की।

 

उनकी दोस्ती बहुत जल्दी पूरे जंगल में प्रसिद्ध हो गई। दूसरे जानवर बंदर और हिरण की मित्रता को देखकर खुश हुए और उनसे मिलने आने लगे। बंदर और हिरण ने सभी के साथ खेला, दौड़ाया और मस्ती की। वे दूसरे जानवरों की तकलीफों में सहायता करते और उन्हें खुश करने का प्रयास करते।

 

एक बार, जंगल में बड़ी समस्या आ गई। जंगल के अंदर एक भयानक भालू आ गया था और जानवरों को धमकी दे रहा था। वे डर के मारे अपने आप को अपने गुफा में छिपा रहे थे। बंदर और हिरण ने देखा कि जानवरों की मदद की जरूरत है और उन्होंने सोचा कि वे इस मुश्किल से लड़ने के लिए साथ मिलकर उन्हें मदद करेंगे।

 

बंदर और हिरण ने जानवरों को एकजुट होने का प्रस्ताव दिया और सभी ने सहमति दी। बंदर ने अपने चाल-ढाल समेत सभी को एकत्र किया और हिरण ने उन्हें मार्गदर्शन किया। वे साथ में काम करने लगे और भयानक भालू से लड़ने की योजना बनाई।

 

सभी जानवरों ने साथ मिलकर भालू के पास जा कर उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन भालू अपनी दहाड़ और आक्रोश के कारण बहुत खफा हुआ। तब बंदर ने अपनी चतुराई और मूंगफली के दांतों की मदद से उसे मजबूर किया। वह भालू के पास गया और धीरे-धीरे उसके पास मूंगफली गिराता रहा। भालू ने रुक गया और उसे खाने लगा।

 

बंदर ने इस अवसर का फायदा उठाया और भालू की भाषा में बातचीत की। वह उसे समझाने की कोशिश करता रहा कि जंगल की सभी जानवरें उसे कितनी महत्वपूर्ण समझती हैं और उसकी जरूरतों का ख्याल रखती हैं।

 

बंदर की समझदारी और वाद-विवाद करने की क्षमता ने भालू को स्पष्ट कर दिया कि जंगल में हर जानवर में कुछ खास गुण होते हैं और सभी का एक दूसरे के साथ साथीपन और सहायता करने का योग्यता होती है।

 

भालू ने अपना तानाशाहीपन छोड़कर दूसरे जानवरों के साथ समझौता किया और उनसे दोस्ती की। जंगल में एक नया माहौल बन गया, जहां दोस्ती, सहायता और प्यार का माहौल बढ़ गया। अब जंगल में सभी जानवर मित्र थे और एक दूसरे की मदद करने में सक्षम थे।

 

यह कहानी हमें बताती है कि मित्रता का महत्व और दूसरों के साथ अनुबंध बनाने की शक्ति कितनी महत्वपूर्ण है। बंदर की चतुराई, समझदारी और साथीपन ने उसे सभी जानवरों के बीच प्रिय बना दिया और उसे जंगल का राजा बना दिया। उसका दृढ़ संकल्प, सहायता और मदद करने की इच्छा जंगल के जीवों के दिलों में रहे और सभी ने उसे आदर्श माना।

 

समाप्ति:

इस कहानी में हमने देखा कि बंदर की मित्रता और स्नेहपूर्ण आदतें किसी भी जीव को महत्वपूर्ण बना सकती हैं। हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि मित्रता, सहायता और प्यार सभी के लिए आवश्यक होते हैं। हमें दूसरों के अनुभवों से सीखना चाहिए और एक दूसरे की सहायता करने का योग्यता रखने चाहिए। बंदर की यह कहानी हमें यह दिखाती है कि मित्रता जीवन की खुशियों का मूल है और एक समर्पित मित्र हमारे जीवन को सुंदरता से भर देता है।

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