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छोटे से लड़के और छोटे से हिरण की कहानी | moral hindi story

 


यह कहानी है एक छोटे से गाँव के एक प्यारे से लड़के की, जिसका नाम आदित्य था, और एक छोटे से हिरण के बीच की। आदित्य गाँव का सबसे खुशनुमा बच्चा था, और वह जंगल में घूमना-फिरना बहुत पसंद करता था।

एक दिन, जब आदित्य जंगल में खेल रहा था, तो वह एक छोटे से हिरण को देखा। वह हिरण बहुत ही नरम और प्यारा था, और आदित्य को उसका दिखने में बड़ा आनंद आया।

आदित्य ने हिरण के पास जाकर कहा, "क्या तुम मेरे साथ खेलना चाहोगे?"

हिरण डरकर बोला, "क्या तुम मुझे खाने वाले हो?"

आदित्य ने मुस्कराया और कहा, "नहीं, मैं तुम्हें कभी नहीं चोट पहुँचाऊंगा। हम सिर्फ खेलेंगे और दोस्त बनेंगे।"

हिरण की डर गई और वह आदित्य के साथ खेलने के लिए तैयार हो गया।

आदित्य और हिरण की दोस्ती बड़ी तेज़ी से बढ़ी। वे साथ में खेलने और घूमने जाने लगे, और वे एक-दूसरे के साथ अपनी हर खुशी और दुख मिलकर मनाने लगे।

धीरे-धीरे, हिरण और आदित्य एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त बन गए। वे जंगल में हर दिन साथ खेलते और समय बिताते थे, और उनकी दोस्ती किसी भी मुश्किल को आसानी से बना देती थी।

एक दिन, जब वे जंगल में खेल रहे थे, तभी एक बड़ा शेर उनके पास आया। आदित्य और हिरण डरकर भागने की कोशिश की, लेकिन शेर उनके पीछे था।

आदित्य ने तय किया कि वह हिरण को बचाने के लिए कुछ करेगा। वह शेर के पास गया और बड़े ही ब्रेव तरीके से उसके सामने खड़ा हुआ।

शेर डर गया और उसने बच कर वही जंगल छोड़ दिया जहाँ से वह आया था।

आदित्य और हिरण दोनों खुशी-खुशी गाँव लौटे और उनकी दिवाली के बाद गाँववालों ने उनकी बहादुरी की सराहना की।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि दोस्ती किसी भी रूप में बहुत महत्वपूर्ण होती है और हमें दूसरों के साथ सहयोग करने का मौका देना चाहिए। इसके साथ हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें साथी के साथ जिम्मेदारी सहेजना हमारा कर्तव्य होता है और हमें उनकी सुरक्षा करने का भी कर्तव्य होता है।


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