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"ईमानदार लकड़हारा" | moral hindi story

 


गांव के एक छोटे से गरीब गरीब लकड़हारे का नाम रामु था। वह गरीब था, लेकिन उसका दिल बहुत अमीर था। वह हमेशा ईमानदार रहता था और किसी से कभी झूठ नहीं बोलता था।

 

रामु का दिन उसके छोटे लकड़हारे के साथ काम करके बितता था। वह लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करता था और हमेशा सहानुभूति और मदद करने के लिए तैयार रहता था।

 


एक दिन, जब रामु अपने लकड़हारे को छलने में व्यस्त था, तो उसे एक सुनहरा पिंजड़ा मिला। पिंजड़ा बड़ा ही अद्भुत और सुंदर था, और उसके अंदर एक बड़ा सुनहरा गोलू था। वह बड़े सावधानी से पिंजड़े को खोला और गोलू को देखकर वह चौंक गया।

 

रामु ने सोचा, "यह सुनहरा गोलू मेरी गरीबी का समाधान हो सकता है। मैं इसे बेचकर अमीर हो सकता हूँ।" लेकिन उसके दिल ने उसे बताया कि ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण है।

 

रामु ने तय किया कि वह ईमानदार रहेगा और गोलू को उसके सही मालिक के पास वापस करेगा।

 

अगले ही दिन, गाँव के लोग जब रामु के पास गोलू के साथ आए, तो उसने उनसे सच्चाई बताई। वह बताया कि गोलू उसके गरीबी का समाधान नहीं हो सकता और वह इसे वापस करना चाहता है।

 

गाँव के लोग हैरान और प्रशंसा के साथ उसकी ईमानदारी को देखे। उन्होंने रामु की ईमानदारी की सराहना की और उसे गर्वित माना। वे समझ गए कि सच्चाई और ईमानदारी कभी भी अमीरी से महत्वपूर्ण होती हैं।

 

रामु की ईमानदारी और सच्चाई ने उसे गाँव के लोगों के दिलों में सबसे बड़ा समर्थन प्राप्त करवाया। वह गरीब था, लेकिन उसकी ईमानदारी ने उसे अमीरी की ओर बढ़ने में मदद की।


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