धर्मिक कथा - नेकी कर दारिया में डाल | hindi moral story
पूरे गांव में एक समय की बात है, एक बड़ी हीरो की तरह एक छोटी सी लड़की राजनी रहती थी। उसका नाम सुनीता था। सुनीता एक सादगी से भरपूर बच्ची थी और उसके दिल में सिर्फ नेकी का संकल्प था। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती थी।
एक दिन, उसके गांव में बहुत अच्छा मौसम था। सभी लोग अपने कामों में व्यस्त थे। सुनीता भी बहुत ही उत्साहित थी क्योंकि उसका जन्मदिन आया था। वह अपने दोस्तों को बुलाकर उनके साथ उपहारों की बातें कर रही थी।
एक दिन, सुनीता गांव के किनारे वाले दारिया के पास गई। वह वहां पर कुछ चिंगारियों को खेल रही थी। तभी उसने देखा कि कुछ बच्चे दारिया में डूबने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वे सभी बच्चे त्रासद हो गए थे।
सुनीता ने तुरंत उन बच्चों की मदद करने का निर्णय लिया। वह अपने दोस्तों को भी बुलाया और सभी ने मिलकर एक लम्बा छड़ी बनाया और उससे बच्चों को बाहर निकालने की कोशिश की।
लेकिन बच्चे बाहर आने में सफल नहीं हो पा रहे थे। दारिया का जल बहुत गहरा था और वे बच्चे डूबने के करीब थे। सुनीता और उसके दोस्तों ने बच्चों को बचाने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन वे सभी व्यर्थ हो गए।
तब सुनीता ने सोचा कि अब उन्हें और सभी को मिलकर मिल जाना चाहिए। वह और उसके दोस्त एक बड़ी बड़ी पानी की बालू की डिबिया लेकर आए और उसे डारिया के किनारे पर रख दिया। इससे डूबने वाले बच्चों को कुछ सहारा मिला।
अब वे बच्चे और भी ज्यादा हिम्मती बने और सभी ने मिलकर पानी की बालू की डिबिया को पुल की तरह इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। वे सभी मिलकर डूबने वाले बच्चों को सफलता से बचाने में सफल हो गए।
इस घटना ने सबको यह सिखाया कि नेकी करने की नीयत से ही हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। सुनीता ने दिखाया कि छोटे से किसी भी काम में भी हमारी मदद कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है।
इस कथा से हमें यह सिखने को मिलता है कि नेकी करना हमारे लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी फायदेमंद होता है। हमें दूसरों की मदद करने में संतुष्टि मिलती है और हमें अच्छे कर्मों के प्रति जिम्मेदारी मिलती है।
इसी तरह सुनीता ने दिखाया कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए हमें क्रियाशील होना चाहिए।
इसके बाद, सुनीता के गांव के लोगों ने उसका जन्मदिन धूमधाम से मनाया और उसे गांव का हीरो घोषित किया। वह सचमुच एक महान आत्मा थी जो हमें नेकी करने के महत्व को समझाती है।
इस कथा से हमें यह सिखने को मिलता है कि नेकी करना और दूसरों की मदद करना हमारे लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए फायदेमंद होता है। और जैसे हम दूसरों की मदद करते हैं, वैसे ही हमारे जीवन में भी सुख और समृद्धि आती है।
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